फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से उनकी प्रेमिका रिया चक्रवर्ती के बारे में गोदी मीडिया ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत के लिए इन्हें ज़िम्मेदार ठहराने का अभियान चला रखा है। इसी के साथ उनके द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि रिया चक्रवर्ती ने सुशांत सिंह राजपूत का पैसा लूटा। इन दो बिंदुओं को लेकर गोदी मीडिया प्रतिदिन नए-नए एंगल से स्टोरी चला रहे हैं और अपनी 'खोजी' पत्रकारिता का भौंदा प्रदर्शन कर रहे हैं जिसमें झूठ और बेबुनियाद बातों का प्रयोग कर रिया चक्रवर्ती पर खतरनाक से खतरनाक हमला किया जा रहा है जिसका मकसद यही समझ में आ रहा है कि गोदी मीडिया रिया चक्रवर्ती को ख़ुदकुशी करने के लिए मजबूर कर रही है क्योंकि पिछले 75 दिनों से जिस प्रकार गोदी मीडिया रिया चक्रवर्ती के खिलाफ अपना अभियान चला रही है जिसके कारण कोई भी व्यक्ति अपना मानसिक संतुलन खोकर ख़ुदकुशी करने के लिए मजबूर हो सकता था लेकिन यह रिया चक्रवर्ती की हिम्मत और साहस है कि वह इस गोदी मीडिया के इस अत्यंत खतरनाक हमले को सहन कर रही है।
याद रहे कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से गोदी मीडिया ने ऐसी हास्यास्पद ख़बरें चलाई हैं जो बेबुनियाद और झूठी साबित होती जा रही है लेकिन इससे उनपर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है। इसके बावजूद यह अपने दर्शकों में रिया चक्रवर्ती के खिलाफ नफरत फैलाने वाली ख़बरें प्रतिदिन प्रसारित कर रहे हैं। अपने प्रतिदिन के प्रसारण में इनका इशारा सिर्फ और सिर्फ रिया चक्रवर्ती होती है जिसका मकसद रिया चक्रवर्ती को सुशांत सिंह राजपूत की मौत का ज़िम्मेदार ठहराना होता है। पिछले 75 दिनों से गोदी मीडिया द्वारा मीडिया ट्रायल के ज़रिए रिया चक्रवर्ती को सुशांत सिंह राजपूत की मौत का आरोपी सिद्ध कर दिया गया है और इस प्रकार मीडिया तक इसको पहुँचने से वंचित कर इस मामले में उसको सफाई देने का भी मौका नहीं दिया जा रहा है। गोदी मीडिया इस मामले को इस प्रकार पेश कर रही है कि जैसे सुशांत सिंह राजपूत की मौत एक अभिनेता की मौत नहीं बल्कि देश के कोई सबसे बड़े राजनातिक, सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों से संबंधित अत्यंत लोकप्रिय व्यक्ति की मौत का मामला है जिसकी ज़िम्मेदार फिल्मों में काम करने वाली एक तुच्छ अभिनेत्री है। जहाँ तक रिया चक्रवर्ती का सुशांत सिंह राजपूत की मौत के लिए ज़िम्मेदार होने का संबंध है इसका खुलासा विभिन्न जांच एजेंसियों द्वारा हो जाएगा। लेकिन जिस प्रकार गोदी मीडिया द्वारा इस मामले को उठाया जा रहा है कि इनके पास कोई मुद्दा नहीं है या जानबूझकर देश की जनता से संबंधित ज्वलंत मुद्दों की नज़रअंदाज़ किया जा रहा है। इन मुद्दों में देश की अर्थव्यवस्था के चौपट हो जाने, करोड़ों लोगों के बेरोज़गार हो जाने देश के विकास के ठप हो जाने और कोरोना महामारी के बेलगाम हो जाने की समस्या शामिल है। इन ज्वलंत मुद्दों को इनके द्वारा इसलिए नहीं उठाया जा रहा है कि ऐसा करने से मोदी के नेतृत्व वाली मोदी सरकार कठघरे में खड़ी होगी और मोदी सरकार की अलोकप्रियता का जुलूस निकलेगा। गोदी मीडिया द्वारा प्रसारित कार्यक्रमों से कोई भी जागरूक नागरिक और दर्शक को यह समझना मुश्किल नहीं होता है जिनका मकसद सुशांत सिंह राजपूत जैसे मामले को प्रसारित कर दर्शकों को मोदी सरकार की विफलताओं, नाकामियों और कमियों को सामने आने से रोकना है जबकि मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों की विफलता का सबसे बड़ा सबूत यह है कि भारत की 130 करोड़ जनता में से 80 करोड़ लोग भिखारी बन चुके हैं जिनके 2 वक़्त के खाने का प्रबंध मोदी सरकार द्वारा प्रतिमाह 5 किलो चावल या 5 किलो आटा और 1 किलो चना उपलब्ध कराया जा रहा है। देश की यह स्थिति इतनी भयावह है जिस पर गोदी मीडिया कोई खबर या कोई रिपोर्ट नहीं प्रसारित करता है। अच्छे दिन लाने का नारा देकर सत्ता में आने वाली सरकार ने देश को ऐसी स्थिति में पहुंचा दिया है जहाँ पहुंचने का किसी ने विचार भी ना किया होगा। दिलचस्प बात यह है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन देश को आर्थिक स्थिति और विकास के चौपट होने और 80 करोड़ लोगों के भिखारी बन जाने के लिए ईश्वर को ज़िम्मेदार ठहरा रही है। भारत दुनिया का पहला देश है और इसकी पहली वित्त मंत्री हैं जो देश की मौजूदा स्थिति के लिए ईश्वर को ज़िम्मेदार ठहरा रही है जबकि कोरोना महामारी से विश्व के सभी देश इस महामारी से लड़ रहे हैं और अपनी जनता को ज़्यादा से ज़्यादा सुविधाएं प्रदान कर उन्हें सम्मानजनक जीने का अवसर प्रदान कर रहे हैं क्योंकि उन्हें अपनी जनता से प्यार है। निर्मला सीतारमन जैसी वित्तमन्त्री ने देश की मौजूदा स्थिति के लिए ईश्वर को ज़िम्मेदार ठहराकर केंद्र सरकार को अपने दायित्व से पलड़ा झाड़ने का इशारा किया है। ऐसी वित्त मंत्री जो वित्त मामले में विशेषज्ञ नहीं है उसके द्वारा ऐसी ही ऊटपटांग बातें करने की आशा की जा सकती है लेकिन वित्त मंत्री ने यह ऊटपटांग बातें ना सिर्फ इनको आलोचना का केंद्र बनाती हैं बल्कि इससे पूरी मोदी सरकार की छवि धूमिल होती है और यह संदेश देती हैं कि मोदी सरकार अयोग्य लोगों की सरकार है जो अपनी कमियों, नाकामियों और विफलताओं के लिए ईश्वर को ज़िम्मेदार ठहरा रही है। इन सब बातों पर गोदी मीडिया आँख मूंदे हुए है और देश की जनता की समस्याओं को उठाने का अपना कर्तव्य भूलकर मोदी सरकार की चाटुकारिता में लगी हुई है।
सुशांत सिंह राजपूत को जिस तरह गोदी मीडिया अपनी रिपोर्टों में पेश कर रही है उससे लगता है कि सुशांत सिंह राजपूत कोई भला व्यक्ति था और उसमें मानवीय विशेषताएं पाई जाती थी। वह होनहार था, पढ़ा-लिखा था, घर के लोगों से प्यार करने वाला था, सगे-संबंधियों से रिश्तों को निभाने वाला था। इसकी इन कथित अच्छाइयों को गोदी मीडिया प्रसारित कर नहीं थक रही है और अपने दर्शकों में सुशांत सिंह राजपूत के प्रति सहानुभूति की लहर पैदा करने का काम कर रही है जबकि रिया चक्रवर्ती को हत्यारी और लूटेरी बता रही है। वास्तव में गोदी मीडिया इस मामले को आरम्भ से ही जिस तरह पेश कर रही है उसके लिए सुशांत सिंह राजपूत को मानवीय गुणों से सुसज्जित कर रिया चक्रवर्ती को वैम्प (खलनायिका) के तौर पर पेश करना आवश्यक है ताकि यह किसी टीवी धारावाहिक की स्क्रिप्ट की तरह इसे जितना चाहें आगे बढ़ाते रहें और सरकार की उस मंशा को पूरा करते रहें कि देश की जनता के सामने सरकार की हर मोर्चे पर विफलता का तथ्य सामने ना आ सके। जहाँ तक सुशांत सिंह राजपूत की मौत का सीबीआई जांच का संबंध है पिछले 10 दिनों से ऐसा कोई खुलासा नहीं हो पाया है जो इस ओर इशारा कर रहा है कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत में रिया का हाथ है। गोदी मीडिया ने इस केस को सुशांत सिंह राजपूत के पिता के. के. सिंह द्वारा पटना में लिखाई गई एफआईआर के बाद से इस केस को विभिन्न दिशाओं में मोड़ दिया है। इस केस में गोदी मीडिया रिया चक्रवर्ती पर सुशांत सिंह राजपूत के करोड़ों रुपयों को लूटने, उसको ज़हर देने और उसको ड्रग्स एडिक्ट बनाने का आरोप लगा रही है और इस प्रकार जांच एजेंसियों को कथित तौर पर सुराग दे रही है जिससे ऐसा लगता है कि जाँच एजेंसियां गोदी मीडिया के आगे जीरो है। इस केस को गोदी मीडिया द्वारा क्या-क्या मोड़ दिया गया इसकी यहाँ झलक प्रस्तुत करना अप्रासंगिक नहीं होगा। आरम्भ में यह कहा गया कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत का मामला आत्महत्या नहीं हत्या है जिसमें फिल्म इंडस्ट्री के लोग और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का बेटा आदित्य ठाकरे शामिल है। इस बात के उठाए जाने पर महाराष्ट्र की राजनीति गर्म हो गई और उद्धव ठाकरे से इस्तीफे की मांग की जाने लगी। चंद दिनों के बाद यह मामला शांत हो गया तो गोदी मीडिया ने इस मामले की जांच सीबीआई द्वारा कराने का मुद्दा उठाना शुरू कर दिया। जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहूंचा तो सर्वोच्च न्यायालय इस तथ्य को भलीभाँति जानते हुए भी सीबीआई से जांच कराने का आदेश दे दिया कि सीबीआई केंद्र की कठपुतली है और वह इस मामले में वही रिपोर्ट देगी जो केंद्र चाहेगी। इस तथ्य के मद्देनजर सुशांत सिंह राजपूत मौत के मामले की सीबीआई जांच का नतीजा जो भी निकलेगा वह राजनीति से प्रेरित ही होगा। इसकी निष्पक्षता पर सवालिया निशान खड़ा रहेगा। जहाँ तक रिया चक्रवर्ती द्वारा सुशांत के करोड़ों रुपयों को लूटने का आरोप है यह भी दो दिन पहले सुशांत सिंह राजपूत के बैंक अकाउंट के विवरण के सामने आने से झूठ साबित हो गया है। इस विवरण में सुशांत सिंह राजपूत के 70 करोड़ रुपए का उल्लेख है, उसमें साफ़-साफ़ कहा गया है कि सुशांत सिंह राजपूत राजा की तरह रहता था और राजा की तरह पैसा खर्च करता था। इस बैंक अकाउंट में कहीं भी यह उल्लेख नहीं है कि रिया चक्रवर्ती को उसने करोड़ों रुपये दिए। इस बैंक अकाउंट के विवरण में रिया चक्रवर्ती पर सिर्फ लाखों रूपये खर्च करने की बात कही गई है। यहाँ यह बात उल्लेखनीय है कि सुशांत सिंह राजपूत रिया चक्रवर्ती के हुस्न में गिरफ्तार था और उसके साथ मुंबई में ही वॉटरस्टोन रिसोर्ट में ही रहता था ताकि कोई दख्लअंदाज़ी ना हो। इस रिसोर्ट में वह हफ़्तों रिया के साथ रहता था इसके अलावा वह रिया चक्रवर्ती के साथ लंदन भी गया और वहां भी वह हफ़्तों उसके साथ रहा। यही नहीं वह भारत में भी रिया के साथ लिव इन पार्टनर के तौर पर रहता था। रिया के हुस्न में गिरफ्तार सुशांत सिंह राजपूत उसे अलग नहीं रखता था। ऐसी स्थिति में अगर उसने रिया पर लाखों रुपए खर्च किए तो यह कोई 'मूल्य' नहीं रखते। मोहब्बत में लोग अपना क्या कुछ नहीं लूटा देते हैं। इतिहास में तो प्रेमिका के लिए राजाओं द्वारा अपने 'तख़्त-व-ताज' छोड़ने तक का उदाहरण देता है। लेकिन गोदी मीडिया सुशांत सिंह राजपूत के करोड़ों रुपयों को लूटने का आरोप लगा रही है। बहरहाल सुशांत सिंह राजपूत के अकाउंट के विवरण के सामने आने से यह बात साफ़ हो गई है कि रिया चक्रवर्ती द्वारा सुशांत सिंह राजपूत का पैसा नहीं लूटा। यह तथ्य गोदी मीडिया के लिए शर्मनाक है जिसकी जितनी निंदा की जाए कम है।
इसी बीच रिया चक्रवर्ती द्वारा व्हाट्सअप पर एक-दो लोगों से गांजे (ड्रग्स) की खरीदारी के बारे में बातचीत का विवरण प्रस्तुत किया गया है और यह बताने का प्रयास किया गया है कि रिया चक्रवर्ती गांजा इस्तेमाल करती है और सुशांत सिंह राजपूत को भी इसका सेवन कराती थी। गोदी मीडिया द्वारा यह आरोप लगाया जा रहा है कि गांजे के इस्तेमाल से सुशांत सिंह राजपूत डिप्रेशन का शिकार हुआ जो रिया चक्रवर्ती की साजिश थी जबकि रिया चक्रवर्ती का कहना है कि सुशांत सिंह राजपूत ड्रग्स का इस्तेमाल उससे (सुशांत) इसकी मुलाक़ात से पहले कर रहा था। अगर रिया चक्रवर्ती ड्रग्स का इस्तेमाल कर रही है और सुशांत सिंह राजपूत ड्रग्स का इस्तेमाल कर रहा था तो इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है। उस सोसाइटी में जिसमें सुशांत सिंह राजपूत रहता था और रिया चक्रवर्ती अब भी जिसका हिस्सा है उसमें ड्रग्स का सेवन आम है। इसको लेकर जिस प्रकार गोदी मीडिया गला फाड़-फाड़कर अपने दर्शकों को बताने का प्रयास कर रही है कि रिया चक्रवर्ती गैर-कानूनी काम में संलिप्त है। यह बड़ा हास्यास्पद है। अगर जांच की जाए तो गोदी मीडिया के मालिकों और इसके पत्रकारों में कई लोग ड्रग्स का सेवन करते हुए पाए जाएंगे। 'खोजी' पत्रकारिता के नाम पर चरित्र हनन करने वाली गोदी मीडिया यह भी आशंका जता रही है कि रिया चक्रवर्ती द्वारा ड्रग्स की बड़े पैमाने पर स्मगलिंग की जा रही है। रिया चक्रवर्ती पर यह आरोप अत्यंत गंभीर है जो बिना सबूत के लगाए जा रहे हैं और इस संबंध में यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि ड्रग्स के स्मगलिंग के इस मामले में बड़े-बड़े लोगों के नामों का पर्दाफाश होगा। गोदी मीडिया की यह घिनौनी मानसिकता अपने दर्शकों की मानसिकता को भी घिनौनी कर रही है और उन्हें एक 'गिरा हुआ' नागरिक बनाने का प्रयास कर रही है। इस केस के आरम्भ में गोदी मीडिया द्वारा फिल्म उद्योग पर भाई-भतीजावाद का आरोप लगाया गया था और इसी को सुशांत सिंह राजपूत की मौत का कारण बताया गया था ऐसी स्थिति में फिल्म उद्योग के कई जाने-माने अभिनेताओं और फिल्म निर्माताओं पर गोदी मीडिया द्वारा ऊँगली उठाई गई थी और उनके ऊपर यह आरोप लगाया गया था कि सुशांत सिंह राजपूत को आगे बढ़ने नहीं देना चाहिए थे इसलिए सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या कर ली। इस केस में इस प्रकार फिल्म उद्योग की हस्तियों से मुंबई पुलिस द्वारा 'अपराधियों' की तरह पूछताछ की गई, वह उनके लिए बड़ी शर्मनाक घटना है। ऐसा पहली बार हुआ जब उन्हें पुलिस थाने जाकर पुलिस के सवालों का जवाब देना पड़ा, उससे फिल्म उद्योग हिल गया। गोदी मीडिया द्वारा पिछले 75 दिनों से रिया चक्रवर्ती के खिलाफ झूठे, काल्पनिक और बेहूदा तथ्यों पर आधारित अभियान चलाया जा रहा है। मीडिया ट्रायल पूरी तरह निराधार साबित हो रहा है। इसके बावजूद उन्हें अपनी रिपोर्टिंग पर कोई शर्म नहीं आ रही है। यह गोदी मीडिया देश को जिस अंधकार में ले जा रही है उसकी कल्पना करना मुश्किल नहीं है। सीबीआई और दूसरी एजेंसियों द्वारा इस केस की जो जांच की जा रही है, उसके नतीजे की कल्पना मुश्किल नहीं है। इस केस में सही जांच का जहाँ तक संबंध है यह होना चाहिए था कि सुशांत सिंह राजपूत की अय्याशी का शिकार कितनी लड़कियां बनी क्योंकि गोदी मीडिया द्वारा उसके व्यक्तित्व पर डाले गए अबतक के प्रकाश से यह तथ्य सामने आता है कि सुशांत सिंह राजपूत एक अय्याश व्यक्ति था। छोटे पर्दे से लेकर बड़े पर्दे तक आने के दौरान उसके सम्पर्क में कई लड़कियां आईं जिनमें अंकिता लोखंडे भी शामिल है। सुशांत सिंह राजपूत के संबंध अंकिता लोखंडे से भी बहुत गहरे थे जो उस वक़्त टूट गए जब रिया चक्रवर्ती से सुशांत सिंह राजपूत के संबंध बने। फिल्म उद्योग में आने पर सुशांत सिंह राजपूत को यह लगा कि लड़कियों से संबंध बनाना बहुत आसान है और वह इस संबंध में आगे बढ़ता गया जिसकी आखरी कड़ी रिया चक्रवर्ती है।
- रोहित शर्मा विश्वकर्मा