संविधान के अनुच्छेद 370 और धारा को समाप्त होने के बाद अजीत कुमार डोभाल (केंद्र सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार) को कश्मीर में लगी आग को बुझाने के लिए भेजा गया है। सरकार के इस तरह के कदम को कभी कामयाबी नहीं मिली है क्योंकि कश्मीरी जनता की एक उल्लेखनीय संख्या कश्मीर को बिना विशेष अधिकार वाला राज्य बनाने की हमेशा विरोधी रही है। ऐसी स्थिति में अजीत डोभाल कश्मीरियों को इस बात के लिए तैयार नहीं कर सकते कि वें केंद्रीय सरकार द्वारा लागू की गई व्यवस्था को मानें। कश्मीरी जनता की एक उल्लेखनीय संख्या पहले की उस व्यवस्था को भी नहीं मानती थी जबकि अनुच्छेद 370 लागू था क्योंकि वो कश्मीर के लिए पूरी आज़ादी चाहते थे। यही कारण है कि कश्मीरी जनता की एक उल्लेखनीय संख्या ने केंद्रीय सरकार के खिलाफ़ अपने हाथों में हथियार उठाकर जंग छेड़ रखी थी। जब कश्मीरी जनता की एक उल्लेखनीय संख्या खूनी रास्ते पर जा चुकी है तो वो कैसे डोभाल का लॉलीपॉप को स्वीकार कर सकती है।
- रोहित शर्मा विश्वकर्मा
- रोहित शर्मा विश्वकर्मा
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