मदरसे वें शिक्षण संस्था हैं जहां इस्लामिक शिक्षा दी जाती है। लम्बे समय से यह आरोप लगाया जाता रहा है कि मदरसों में कट्टरपंथी इस्लामिक शिक्षा दी जाती है जिसके नतीजे में यहां से आतंकवादी पैदा होते हैं। दूसरी ओर मदरसों के प्रबंधक इस आरोप को गलत ठहराते गए हैं और उनका कहना है कि मदरसों में कभी आतंकवाद की शिक्षा नहीं दी जाती बल्कि मदरसों में प्यार, मोहब्बत और सांप्रदायिक सद्भावना की शिक्षा दी जाती है। क्योंकि इस्लाम घृणा और किसी दूसरे धर्म के लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने की शिक्षा नहीं देता है। लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और उसकी संबंधित संस्थाएं इस बात से सहमत नहीं रही हैं और वें इनको बंद कराने की मांग करती रही हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अब आरएसएस प्रचारक इंद्रेश कुमार के नेतृत्व में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) पूरे भारत में अपने मदरसें खोलेगा जहां छात्रों को धर्मनिरपेक्ष शिक्षा दी जाएगी। बहरहाल मुसलमानों द्वारा चलाए जा रहे मदरसें बंद नहीं होंगे और वें पहले की तरह चलते रहेंगे। क्योंकि ये उनका बुनियादी हक़ है कि वें अपनी इच्छानुसार अपने मदरसें चलाएं। कोई भी सरकार ये आरोप लगाकर मदरसों को बंद करने का आदेश जारी नहीं कर सकती कि यहां समाज को बांटने की शिक्षा दी जाती है। अब हमें देखना है कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच द्वारा चलाए जाने वाले मदरसें कितने कामयाब होते हैं। जहां तक मुस्लिम मदरसों का ताल्लुक है वें पूरे भारत में भारी संख्या में पाए जाते हैं।
- रोहित शर्मा विश्वकर्मा
- रोहित शर्मा विश्वकर्मा
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