कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 के समाप्त किए जाने के बाद से राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा ये दावा किया जाता रहा है कि कश्मीर में स्थिति नियंत्रण में है और सामान्य है। कोई भी विपक्षी नेता कश्मीर जाकर ये देख सकता है कि कश्मीर के बारे में सरकार का दावा सच है। यहां जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सतपाल मलिक का ये बयान उल्लेख किया जा सकता है कि राहुल गांधी कभी भी कश्मीर आकर वहां की स्थिति देख सकते हैं कि वहां स्थिति देख सकते हैं कि वहां स्थिति सामान्य है। यह हैरत की बात है कि आज 24-08-2019 जब विपक्षी नेता (राहुल गांधी, गुलाम नबी आज़ाद, के. सी. वेणुगुपाल, आनंद शर्मा, सीताराम येचुरी, तिरुचि सिवा, दिनेश त्रिवेदी, डी. राजा, मजीद मेनन, मनोज झा, कुपेंद्र रेड्डी, शरद यादव) कश्मीर घाटी की स्थिति जानने के लिए वहां गए तो उन्हें एयरपोर्ट से बाहर आने नहीं दिया गया और वापस दिल्ली ये कहकर भेज दिया गया कि घाटी की स्थिति इनके आने से खराब हो गई है। इस प्रकार कश्मीर की सामान्य स्थिति के बारे में सरकार का दावा सच साबित नहीं होता है। अनुच्छेद 370 के समाप्त किए जाने के बाद से विपक्षी नेता ये आरोप लगाते रहे हैं कि कश्मीर घाटी में स्थिति सामान्य नहीं है और वहां के लोग अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने का विरोध कर रहे हैं। इस दौरान बीबीसी लंदन चैनल ने जब अपने दर्शकों को ये बताया कि कश्मीर में स्थिति तनावपूर्ण है और पुलिस की गोलीबारी के दौरान घाटी के लोग जख्मी हो रहे हैं। तब हमारे कई टीवी चैनलों ने बीबीसी लंदन चैनल को झूठा करार दिया था और उसकी कड़ी निंदा की थी। अब जबकि सरकार ने विपक्षी नेताओं को कश्मीर घाटी का दौरा करने से रोक दिया है तो इससे ये साबित होता है कि वहां की स्थिति वास्तव में सामान्य नहीं है।
- रोहित शर्मा विश्वकर्मा
- रोहित शर्मा विश्वकर्मा
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