मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक हाल ही में दो आईएएस अधिकारियों ने अपने पदों से ये आरोप लगाते हुए इस्तीफ़ा दे दिया कि देश में संविधान के मूल सिद्धांतों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। इन दोनों आईएएस अधिकारियों के नाम हैं केंद्रशासित प्रदेश दमन और दीव, नगर और हवेली के बिजली विभाग के सचिव कन्नण गोपीनाथ और कर्नाटक में दक्षिण कन्नड़ जिले के उपायुक्त एस. शशिकांत सेंथील। जबकि कन्नण गोपीनाथ ने अपने त्यागपत्र में कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने का उल्लेख किया है और एस. शशिकांत सेंथील ने संविधान के मौलिक सिद्धांत के साथ छेड़छाड़ किए जाने का आरोप लगाया और उनका कहना है कि भविष्य में संविधान के तानेबाने के साथ भी छेड़छाड़ किया जा सकता है। ये दोनों आरोप बहुत ही गंभीर हैं और देश के सही सोच वाले लोगों का ध्यान अपनी और आकर्षित करते हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि मौजूदा सरकार संवैधानिक संस्थाओं के अधिकारों को छीनने पर तुली हुई है। यह भी कहा जा रहा है कि मौजूदा सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों को नष्ट कर रही है और एक विशेष समुदाय का उत्पीड़न कर रही है। न सिर्फ देश में लोग लोकतांत्रिक मूल्यों में गिरावट के बारे में सोच रहे हैं बल्कि इक्नोमिक्स इंटेलिजेंस यूनिट नामक अंतर्राष्ट्रीय संस्था ने हमारे लोकतांत्रिक व्यवस्था की आलोचना की है और इसे 42 वें स्थान पर रखा है जिससे पता चलता है कि हमारे यहां संवैधानिक मूल्यों को महत्व नहीं दिया जा रहा है। इसका कारण उक्त संस्था ने देश में रूढ़ीवादी ताकतों का बढ़ना है।
- रोहित शर्मा विश्वकर्मा
- रोहित शर्मा विश्वकर्मा
No comments:
Post a Comment