अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी मुद्दे पर अपना बयान देते हैं तो उसे बहुत महत्त्वपूर्ण माना जाता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 सितंबर, बुधवार को मथुरा के पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोगों को 'गाय और ओम' का नाम सुनते ही कष्ट होता है। इस टिप्पणी की कट्टरवादी हिन्दू खूब प्रशंसा कर रहे होंगे जबकि दूसरे धर्म के लोग इस टिप्पणी पर आशंकित हो गए होंगे क्योंकि वो समझते हैं कि अब कट्टरवादी हिन्दू 'गाय और ओम' का सम्मान करने की मांग दूसरे धर्म के लोगों से करेंगे जैसा कि वें खुद करते हैं। प्रधानमंत्री का 'गाय और ओम' पर दिए गए इस बयान से देश में तनाव की स्थिति पैदा होगी क्योंकि वो दूसरे धर्म के लोगों पर हिन्दू धर्म को थोपने की कोशिश कर रहे हैं। सवाल यह है कि दूसरे धर्म को मानने वाले 'गाय' का सम्मान उसी तरह क्यों करें जिस तरह हिन्दू करते हैं? इसी तरह दूसरे धर्म के लोग 'ओम' का जाप क्यों करें जिस तरह हिन्दू करते हैं। भारत जैसे देश में बहुत सारे धर्म के मानने वाले लोग हैं और इनके पूजा करने के मानने वाले लोग हैं और इनके पूजा करने के तरीके अलग-अलग हैं। इस ब्रह्माण्ड को पैदा करने वाले के लिए मुसलमान 'अल्लाह', ईसाई 'गॉड' और पारसी 'खुदा' शब्द का इस्तेमाल करते हैं। इसलिए इन लोगों से कोई भी यह आशा क्यों कर सकता है कि वे 'ओम' शब्द का इस्तेमाल करें। मोदी जी देश के प्रधानमंत्री हैं उनका कर्तव्य है कि वो देश में सांप्रदायिक सद्भावना को बढ़ावा देने के लिए काम करें न कि देश में तनाव की स्थिति पैदा करें। मोदी जी का 'गाय और ओम' पर दिया गया यह बयान कट्टरपंथी हिन्दुओं में अवश्य ही नकारात्मक सोच पैदा करेगा और इससे देश के धर्मनिरपेक्ष ताने-बाने को खतरा पैदा होगा। कुछ लोग पहले ही कह चुके हैं कि मोदी 'हिन्दुत्व' के एजेंडे पर काम कर रहे हैं और उनकी ये अपेक्षा है कि दूसरे धर्म के लोग भी 'गाय और ओम' का उसी तरह सम्मान करें जैसे हिन्दू करते हैं। ये ज़ाहिर करता है कि मोदी के बारे में कही जाने वाली उपरोक्त बात सच है। ये देश के लिए बहुत खतरनाक होगा। सभी सोच के लोगों द्वारा इसकी कड़ी निंदा की जानी चाहिए और इसका विरोध पूरी ताकत से किया जाना चाहिए। पर्यावरण मंत्रालय द्वारा 2017 में प्रकाशित की गई एक रिपोर्ट के अनुसार केरल, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम और केंद्र शासित लक्षद्वीप में गाय को कोई सम्मान नहीं दिया जाता। इन राज्यों में गाय खुलेआम काटी जाती है और बिना रोकटोक इसका गोश्त खाया जाता है। प्रधानमंत्री मोदीजी को इन राज्यों में गाय के खुलेआम काटे जाने पर अपने विचार स्पष्ट करने चाहिए।
- रोहित शर्मा विश्वकर्मा
- रोहित शर्मा विश्वकर्मा
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